भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में मजबूती देखने को मिली है। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज 87.98 पर खुला और फिर 87.95 तक पहुँच गया। इससे पिछले बंद भाव की तुलना में रुपये में 14 पैसे की बढ़त दर्ज हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये की यह मजबूती वैश्विक मुद्रा बाजार में डॉलर की स्थिति और घरेलू निवेश धाराओं का परिणाम है। रुपया डॉलर के मुकाबले तेजी से खुलने के बावजूद उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा, लेकिन अंततः शुरुआती कारोबार में यह लाभ दर्ज हुआ।
विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी दिखा रहा है क्योंकि विदेशी निवेशकों का रुझान अब भारतीय बाजार की ओर बढ़ा है। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक संकेतक और अमेरिका की मौद्रिक नीतियाँ भी मुद्रा विनिमय दर पर असर डाल रही हैं।
और पढ़ें: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे कमजोर होकर 88.14 पर बंद
इस अवधि में रुपया 87.95 तक पहुँचकर स्थिर हुआ, जिससे निवेशकों और व्यापारियों को थोड़ी राहत मिली। रुपये में यह बढ़त आयातकों और निर्यातकों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर वैश्विक बाजार में स्थिरता बनी रहती है और विदेशी निवेश आकर्षित होते रहते हैं, तो रुपये की स्थिति और मजबूत हो सकती है। वहीं, डॉलर की मजबूती या वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ इसके विपरीत असर डाल सकती हैं।
और पढ़ें: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट, 8 पैसे टूटकर 88.18 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा