भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 40 पैसे की मजबूती के साथ 86.99 पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की इस मजबूती का श्रेय विदेशी पूंजी निवेश के प्रवाह, डॉलर के कमजोर होने और घरेलू शेयर बाजार में तेजी को दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में यह सुधार निवेशकों के भरोसे और वैश्विक आर्थिक संकेतकों में स्थिरता के कारण संभव हुआ।
घरेलू शेयर बाजार भी मजबूती के साथ बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स 370.64 अंक की बढ़त के साथ 81,644.39 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 103.70 अंक की तेजी के साथ 24,980.65 पर पहुंच गया। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बैंकिंग, आईटी और ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में जोरदार खरीदारी ने बाजार को मजबूती दी।
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति निकट भविष्य में स्थिर रह सकती है। हालांकि, वैश्विक बाजार की उतार-चढ़ाव भरी स्थितियां और कच्चे तेल की कीमतों में संभावित बदलाव आगे रुपये की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
और पढ़ें: जीएसटी सुधारों की उम्मीद से रुपया 23 पैसे मजबूत, डॉलर के मुकाबले 87.36 पर बंद
विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है कि निवेशकों की सकारात्मक धारणा और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) के पूंजी प्रवाह ने रुपये को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। वहीं, घरेलू शेयर बाजार में लगातार हो रही तेजी भी रुपये को सहारा दे रही है।
और पढ़ें: जीएसटी सुधार प्रस्ताव से शेयर बाजार में उछाल, सेंसेक्स 676 अंक चढ़ा, निफ्टी में 1% की तेजी