असम आंदोलन के शहीदों को समर्पित एक भव्य स्मारक, ‘शहीद स्मारक क्षेत्र’, का उद्घाटन बुधवार, 10 दिसंबर 2025 को गुवाहाटी में किया गया। यह स्मारक 860 शहीदों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने छह वर्षों तक चले असम आंदोलन के दौरान राज्य से “अवैध प्रवासियों” को बाहर निकालने की मांग में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। इस ऐतिहासिक लोकार्पण कार्यक्रम का नेतृत्व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने किया।
स्मारक का उद्घाटन ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर किया गया, जिसे हर वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन खर्गेश्वर तालुकदार की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें असम आंदोलन का पहला शहीद माना जाता है। वे 10 दिसंबर 1979 को आंदोलन के दौरान मारे गए थे। उनकी शहादत ने असम में एक बड़े जनांदोलन को जन्म दिया, जो बाद में छह वर्ष तक चला और राज्य की राजनीतिक दिशा को गहराई से प्रभावित किया।
शहीद स्मारक क्षेत्र उन सभी 860 शहीदों के सम्मान में बनाया गया है, जिन्होंने असम आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई। यह स्मारक न केवल उनके बलिदान की याद दिलाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को संघर्ष, पहचान और असम की सामाजिक-राजनीतिक विरासत की कहानी भी सुनाता है।
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मुख्यमंत्री सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि असम आंदोलन राज्य के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है और इन शहीदों के जज़्बे को सदैव सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्मारक असमवासियों के आत्मसम्मान और अधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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