केरल में तीन-स्तरीय स्थानीय निकाय चुनावों के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान गुरुवार, 11 दिसंबर 2025 की सुबह पूरे राज्य के सात उत्तरी जिलों में शुरू हो गया। यह चरण राज्य की राजनीति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि स्थानीय निकायों की संरचना आने वाले वर्षों में जमीनी शासन को प्रभावित करेगी।
दूसरे चरण में कुल 1.53 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। ये मतदाता ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों सहित सैकड़ों स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि मतदान शांतिपूर्ण और सुचारु रूप से संपन्न हो सके।
पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में अधिक भौगोलिक विस्तार शामिल है, जिसमें मलप्पुरम, कन्नूर, कोझिकोड, वायनाड, कासरगोड, पलक्कड़ और त्रिशूर जिले शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही कई केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें देखी गईं, जिससे लोगों में स्थानीय शासन को लेकर उत्साह का संकेत मिलता है।
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स्थानीय निकाय चुनावों को राज्य की राजनीतिक दिशा और पार्टी शक्ति संतुलन के संकेतक के रूप में भी देखा जाता है। इसलिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल—LDF, UDF और BJP—इन चुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले जनमत का माहौल तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें।
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