वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती परीक्षाओं और परिणाम घोषित करने की समयसीमा को सुव्यवस्थित करने के लिए कई नई पहलें शुरू की हैं। इन सुधारों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), राष्ट्रीयकृत बैंक (NBs) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) की भर्ती प्रक्रियाएं शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS) ने गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को कहा कि इन पहलों का उद्देश्य बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाना भी है।
बयान में कहा गया कि SBI, NBs और RRBs की भर्ती IBPS की प्रक्रिया के माध्यम से होती है और यह संबंधित बैंकों के आदेशों के अनुरूप संचालित की जाती है। सामान्यतः RRBs की परीक्षाएं NBs और SBI से पहले आयोजित की जाती हैं और परिणाम भी इसी क्रम में घोषित होते हैं।
मंत्रालय ने बताया कि एक उल्लेखनीय प्रवृत्ति देखी गई है कि नए भर्ती हुए उम्मीदवार अक्सर RRBs से NBs और फिर SBI की ओर स्थानांतरित हो जाते हैं। इस बदलाव के कारण बैंकों में उच्च स्तर का कर्मचारी-क्षय (attrition) देखा जा रहा है, जिससे संचालन संबंधी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं।
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इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए DFS ने भर्ती प्रक्रिया और परिणाम पैटर्न की व्यापक समीक्षा की और भारतीय बैंक संघ (IBA) को सलाह दी कि तीनों श्रेणियों के बैंकों में भर्ती परिणामों की घोषणा के लिए एक मानकीकृत और तार्किक क्रम लागू किया जाए।
नए ढांचे के तहत अब सबसे पहले SBI के परिणाम जारी होंगे, उसके बाद NBs के और अंत में RRBs के। इसी तरह अधिकारी स्तर की परीक्षाओं के परिणाम पहले घोषित होंगे, जबकि क्लर्क स्तर के परिणाम इसी क्रम में बाद में जारी किए जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि इस सुव्यवस्थित व्यवस्था से उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकताएं समय पर स्पष्ट करने, बेहतर निर्णय लेने और भर्ती प्रक्रिया में स्थिरता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बदलाव बैंकिंग क्षेत्र में कर्मचारी-क्षय को कम करेगा और मानव संसाधन नियोजन को अधिक प्रभावी बनाएगा।
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