केरल में राष्ट्रीय राजमार्ग-66 (NH-66) पर बनी प्रबलित मिट्टी (Reinforced Earth - RE) की दीवारों के ढहने और सड़क में दरारें पड़ने के मामले में जांच कर रही एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में गंभीर खामियों की ओर इशारा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरई दीवारों के डिज़ाइन और निर्माण के क्रियान्वयन में कई तकनीकी और संरचनात्मक त्रुटियां थीं। इन खामियों के कारण दीवारें कई स्थानों पर ढह गईं और सड़क की सतह पर लंबी दरारें उभर आईं। इससे न केवल यातायात बाधित हुआ बल्कि लोगों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गईं।
विशेषज्ञ पैनल ने कहा कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। मिट्टी की मजबूती, जल निकासी की व्यवस्था और सहायक संरचनाओं की स्थिरता को लेकर पर्याप्त परीक्षण और निरीक्षण नहीं हुए। इसके अलावा, निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए।
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बारिश और जल जमाव ने दीवारों पर अतिरिक्त दबाव डाला, लेकिन उचित ड्रेनेज सिस्टम के अभाव में यह दबाव कम नहीं हो सका, जिससे क्षति की गति बढ़ी।
पैनल ने सिफारिश की है कि भविष्य में इस तरह की परियोजनाओं के लिए विस्तृत भू-तकनीकी सर्वेक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण की सख्त निगरानी और नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, पहले से क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जाए ताकि यातायात और लोगों की सुरक्षा बहाल हो सके।
यह घटना राज्य में बुनियादी ढांचे की मजबूती और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
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