भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) जुलाई में 3.5% बढ़कर चार माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह वृद्धि व्यापक क्षेत्रों में सुधार के कारण दर्ज की गई है।
पूंजीगत वस्तुओं और उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी ने इस वृद्धि को मजबूती दी है। निर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ, जो औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ने का संकेत देता है।
बिजली क्षेत्र ने दो महीने की गिरावट से उबरकर बेहतर प्रदर्शन किया है। हालांकि, खनन क्षेत्र में गिरावट का क्रम जारी है, जो इस सुधार के समग्र प्रभाव को कुछ हद तक सीमित करता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक उत्पादन में यह वृद्धि निवेश के लिए सकारात्मक संकेत है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि यह रफ्तार बरकरार रहती है तो अर्थव्यवस्था में पूंजी प्रवाह और रोजगार सृजन को गति मिलेगी।
अर्थशास्त्री बताते हैं कि व्यापक क्षेत्रों में वृद्धि यह दर्शाती है कि मांग मजबूत हो रही है, जिससे आने वाले महीनों में आर्थिक परिदृश्य बेहतर हो सकता है।
सरकार का कहना है कि नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे में निवेश के चलते उद्योगों का प्रदर्शन सुधर रहा है। यदि खनन क्षेत्र की चुनौतियों को हल किया गया तो औद्योगिक उत्पादन और मजबूत हो सकता है।
कुल मिलाकर, IIP में जुलाई की यह बढ़त आर्थिक पुनरुद्धार और निवेश माहौल के लिए शुभ संकेत मानी जा रही है।
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