राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes, NCSC) ने अपनी बढ़ती शिकायतों और लंबित मामलों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए एक नई ‘चेकलिस्ट’ विकसित की है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम आयोग द्वारा मामलों की निपटान प्रक्रिया को तेज करने और संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए उठाया गया है।
आयोग ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उनके पास शिकायतों का बोझ तेजी से बढ़ा है, जिससे उच्च पेंडेंसी की समस्या सामने आई है। कई मामलों की लंबी लंबित सूची ने आयोग की क्षमता और समय पर निपटान को प्रभावित किया।
इसके अलावा, अधिकारियों ने कहा कि ऑनलाइन शिकायत पोर्टल पर कुछ गैर-एससी व्यक्तियों द्वारा भी शिकायतें दर्ज कराई जा रही थीं, जिससे आयोग पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा था। ऐसे मामलों को रोकने और केवल वास्तविक एससी समुदाय की शिकायतों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह चेकलिस्ट तैयार की गई है।
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चेकलिस्ट में यह सुनिश्चित किया गया है कि कौन सी शिकायतें स्वचालित रूप से खारिज की जा सकती हैं, किस प्रकार के दस्तावेज़ आवश्यक हैं, और किस प्रक्रिया के तहत मामलों को आगे बढ़ाया जाएगा। इससे आयोग को मामलों की प्राथमिकता तय करने और वास्तविक जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम शिकायत निवारण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाएगा और गैर-ज़रूरी मामलों के कारण सिस्टम पर पड़ने वाले दबाव को कम करेगा। आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस प्रक्रिया के बावजूद वास्तविक और गंभीर शिकायतों का निपटान उसी समय और गंभीरता से किया जाएगा।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि चेकलिस्ट का उद्देश्य शिकायत प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाना है, जिससे एससी समुदाय को न्याय मिलने में तेजी आए।
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