भारत में डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे मरीजों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने ओज़ेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) को मंजूरी दे दी है। यह सप्ताह में एक बार दिया जाने वाला इंजेक्शन है, जिसे टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल करने और वजन घटाने के लिए दुनिया भर में सफल माना गया है। इस दवा के आने से लाखों भारतीय मरीजों को नई उम्मीद मिली है।
भारत को लंबे समय से ‘डायबिटीज कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जाता है, क्योंकि यहां टाइप 2 डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ओज़ेम्पिक के इस्तेमाल से मरीजों को ब्लड शुगर स्तर स्थिर रखने और वजन नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह दवा जीएलपी-1 रिसेप्टर एनालॉग वर्ग की है और शरीर में एक प्राकृतिक हार्मोन की तरह काम करती है, जो शुगर को नियंत्रित करता है। CDSCO के अनुसार, “सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन (ओज़ेम्पिक) का उपयोग उन वयस्क मरीजों के लिए है जिनकी टाइप 2 डायबिटीज केवल डाइट और व्यायाम से नियंत्रित नहीं हो पा रही है।”
यह इंजेक्शन सप्ताह में एक बार लिया जाना है और इसे केवल डाइट व एक्सरसाइज के साथ ही इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। दवा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, हार्ट रोग के खतरे को कम करने और लिवर हेल्थ में सुधार जैसे फायदे देती है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई त्वरित समाधान नहीं है और इसे केवल चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही अपनाना चाहिए।
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