एप्पल ने हाल ही में अपने ऐप स्टोर से कुछ ऐप्स को हटा दिया है जो उपयोगकर्ताओं को उनके क्षेत्र में इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) एजेंट्स की जानकारी देते थे। इन ऐप्स का उद्देश्य लोगों को यह अलर्ट देना था कि उनके आस-पास ICE के अधिकारी मौजूद हैं, ताकि वे आवश्यक सावधानी बरत सकें।
समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा दबाव बनाया गया था कि ये ऐप्स सुरक्षा और कानून के दृष्टिकोण से संवेदनशील हैं। ट्रम्प प्रशासन का मानना था कि ऐसे ऐप्स ICE एजेंट्स की सुरक्षा और उनके संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
ICE ट्रैकिंग ऐप्स विशेष रूप से अप्रवासी समुदायों के बीच लोकप्रिय थे, जो यह जानना चाहते थे कि उनके इलाके में प्रवर्तन अधिकारी कब सक्रिय हैं। इस तरह के ऐप्स ने सोशल मीडिया और तकनीकी मंचों पर काफी चर्चा पैदा की थी, और इसे नागरिक अधिकारों और व्यक्तिगत सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती माना जा रहा था।
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एप्पल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी हमेशा ऐसे ऐप्स को हटा देती है जो कानून और सरकारी दिशानिर्देशों के विपरीत हों या जिनसे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा हो। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञों ने इस कदम को व्यक्तिगत गोपनीयता और नागरिक अधिकारों के दृष्टिकोण से लेकर सवाल उठाए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे ऐप्स के संचालन और नियंत्रण के बीच संतुलन बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। एप्पल के इस कदम से स्पष्ट होता है कि बड़ी टेक कंपनियां सरकारी नीतियों और सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देती हैं।
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