भारतीय रुपया आज सुबह विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे गिरकर 88.26 पर खुला। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि रुपया कमजोर शुरुआत के साथ खुला और दबाव में रह सकता है। बाजार में अमेरिकी टैरिफ और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की पूंजी निकासी ने स्थानीय मुद्रा पर दबाव डाला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर की मजबूत स्थिति और भारत से फंड आउटफ्लो ने रुपये पर नकारात्मक असर डाला है। निवेशक और व्यापारी इन कारकों को देखते हुए सावधानी बरत रहे हैं। रुपया विदेशी बाजार की स्थितियों और वैश्विक आर्थिक संकेतकों के प्रभाव से प्रभावित हो रहा है।
इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपये की दिशा पर अमेरिकी और वैश्विक आर्थिक नीतियों की निगरानी रहेगी। अमेरिकी टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक तनाव भी भारतीय मुद्रा पर दबाव बनाए रख सकते हैं। इसी के चलते विदेशी निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं, जिससे पूंजी बहिर्वाह बढ़ सकता है।
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मौजूदा स्थिति में, विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। घरेलू बाजार में भी निवेशक सावधानी के साथ ट्रेडिंग कर रहे हैं। हालांकि, लंबी अवधि में रुपये की मजबूती के लिए निर्यात वृद्धि, विदेशी निवेश और आर्थिक सुधार आवश्यक हैं।
वर्तमान विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबारी और निवेशक डॉलर और रुपये के बीच मौजूदा दरों पर नजर बनाए हुए हैं। सरकार और रिजर्व बैंक भी बाजार में स्थिरता बनाए रखने के उपाय कर सकते हैं।
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